बिहार की राजनीति हमेशा से जोश, रणनीति और जातीय संतुलन का संगम रही है। 2025 का विधानसभा चुनाव इस परंपरा को और चुनौती देने वाला है। इस बार का मुकाबला केवल दो गठबंधनों के बीच नहीं, बल्कि कई नए राजनीतिक प्रयोगों के साथ त्रिकोणीय हो गया है। नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर तीनों ही अपने-अपने मॉडल लेकर मैदान में हैं। जनता के सामने सवाल है – स्थिरता बनाम बदलाव।
2020 के बाद राज्य में विकास, बेरोज़गारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे और गहरे हुए हैं। इसलिए 2025 का चुनाव केवल नेताओं की लोकप्रियता नहीं, बल्कि जनता की उम्मीदों का फैसला भी होगा।
बिहार चुनाव 2025 की तारीखें और चरणबद्ध मतदान
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का कार्यक्रम तय कर दिया है। मतदान दो चरणों में होगा और मतगणना एक ही दिन। आयोग ने इस बार पारदर्शिता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की बात कही है।
| चरण | मतदान तिथि | सीटों की संख्या | प्रमुख क्षेत्र | मतगणना तिथि |
| पहला चरण | 6 नवम्बर 2025 | 121 | सीमांचल, मगध, कोसी | 14 नवम्बर 2025 |
| दूसरा चरण | 11 नवम्बर 2025 | 122 | तिरहुत, मिथिलांचल, शाहाबाद | 14 नवम्बर 2025 |
नई सरकार का गठन : 22 नवम्बर 2025 तक किया जाएगा।
इस बार पहली बार हर मतदान केंद्र पर रियल-टाइम वेबकास्टिंग और EVM ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है।
प्रमुख गठबंधन और पार्टियाँ : कौन किसके साथ
बिहार का 2025 चुनाव पूरी तरह गठबंधनों की मजबूती पर निर्भर है।
इस बार तीन प्रमुख राजनीतिक ध्रुव बन चुके हैं – NDA, महागठबंधन और तीसरा मोर्चा।
| गठबंधन / मोर्चा | प्रमुख दल | मुख्य नेता | प्रमुख नारा / मुद्दा |
| NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) | BJP, JDU, HAM, LJP (RV) | नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी, चिराग पासवान | विकास और सुशासन, डबल इंजन सरकार |
| महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) | RJD, कांग्रेस, CPI-ML, CPI-M | तेजस्वी यादव, अखिलेश सिंह, दीपंकर भट्टाचार्य | बेरोज़गारी, सामाजिक न्याय, शिक्षा |
| तीसरा मोर्चा | जन सुराज, AAP, AIMIM, BSP | प्रशांत किशोर, संजय सिंह, असदुद्दीन ओवैसी | नई राजनीति, पारदर्शिता और नीति आधारित शासन |
NDA : स्थिरता और विकास का दावा
NDA इस चुनाव में डबल इंजन मॉडल के सहारे मैदान में है। नीतीश कुमार और भाजपा मिलकर यह संदेश दे रहे हैं कि विकास के साथ-साथ स्थिर सरकार की ज़रूरत है। केंद्र की योजनाओं – पीएम आवास, हर घर नल, महिला उद्यमिता योजना – को NDA अपने मुख्य प्रचार बिंदु बना रहा है। भाजपा का लक्ष्य है कि पिछड़े वर्गों और महिलाओं में अपनी पकड़ और मजबूत की जाए।
महागठबंधन : बेरोज़गारी और बदलाव की राजनीति
तेजस्वी यादव ने इस बार युवाओं को अपना केंद्र बना लिया है। युवा बिहार, तेजस्वी सरकार का नारा सोशल मीडिया पर खूब चल रहा है। कांग्रेस और वाम दल भी उनके साथ हैं, जो बेरोज़गारी, शिक्षा और सामाजिक न्याय पर फोकस कर रहे हैं। गठबंधन की कोशिश है कि 2020 की तरह मुस्लिम-यादव वोट बैंक को एकजुट रखा जाए।
तीसरा मोर्चा : नया विकल्प
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और आम आदमी पार्टी इस बार तीसरे मोर्चे को नया चेहरा दे रही हैं। इनका फोकस नीति और पारदर्शिता पर है। AIMIM सीमांचल क्षेत्र में अपना वोट बैंक बचाने में लगी है। तीसरे मोर्चे की मौजूदगी कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बना देगी।
बिहार का क्षेत्रीय समीकरण – कहाँ कौन मज़बूत
बिहार की राजनीति का ताना-बाना जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर आधारित है। हर क्षेत्र का अपना खास असर है, और वही चुनावी नतीजों को दिशा देता है।
- सीमांचल (अररिया, कटिहार, किशनगंज) : AIMIM और RJD के बीच कड़ा मुकाबला।
- मगध (गया, नालंदा, औरंगाबाद) : JDU का पारंपरिक गढ़, लेकिन जन सुराज चुनौती दे रही है।
- उत्तर बिहार (सारण, सिवान, दरभंगा) : RJD की मजबूत पकड़, BJP यहां बराबरी की कोशिश में।
- पटना और शहरी क्षेत्र : BJP और JDU का ऊपरी हाथ, लेकिन युवाओं में AAP और जन सुराज का प्रभाव बढ़ रहा है।
- भागलपुर और शाहाबाद क्षेत्र : NDA के लिए सुरक्षित क्षेत्र माने जाते हैं।
हर क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों की साख और जातीय समीकरण महत्वपूर्ण रहेंगे। कई सीटों पर सिर्फ 2-3% वोट का अंतर नतीजे तय कर सकता है।
जनता के मुख्य मुद्दे : रोजगार, शिक्षा और सुरक्षा
2025 के बिहार चुनाव में जनता ने एक बात साफ कर दी है – इस बार वोट मुद्दों पर पड़ेगा। बेरोज़गारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं की सुरक्षा चुनावी बहस के केंद्र में हैं।
1. रोजगार :
राज्य के युवा अब सिर्फ वादे नहीं, ठोस नीति चाहते हैं। RJD एक परिवार, एक नौकरी का वादा कर रही है, जबकि NDA निजी निवेश और उद्योगों के ज़रिए रोजगार बढ़ाने की बात कर रहा है।
2. शिक्षा और स्वास्थ्य :
महागठबंधन सरकार पर स्कूलों और अस्पतालों की गिरती स्थिति को लेकर निशाना साध रहा है।
जन सुराज शिक्षा और स्वास्थ्य के बजट में पारदर्शिता और ग्राम पंचायतों की भागीदारी की वकालत कर रही है।
3. महिला सशक्तिकरण :
नीतीश सरकार की आरक्षण नीति और मुखिया योजना NDA की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
वहीं, विपक्ष महिला सुरक्षा और न्याय प्रणाली में सुधार को मुद्दा बना रहा है।
4. भ्रष्टाचार और शासन की पारदर्शिता :
तीसरा मोर्चा इस मुद्दे पर जोर दे रहा है, ताकि जनता को “विकल्प आधारित राजनीति” का नया स्वाद मिले।
डिजिटल प्रचार और मीडिया रणनीति
2025 का चुनाव बिहार के इतिहास का सबसे डिजिटल चुनाव बनने जा रहा है।
हर पार्टी ने सोशल मीडिया को अपना मुख्य हथियार बना लिया है।
- BJP: #PhirNDA सरकार – डिजिटल टीम गाँव-गाँव तक वीडियो मैसेज भेज रही है।
- RJD: #TejashwiForCM – युवाओं को टारगेट करने के लिए इंस्टाग्राम और यूट्यूब का इस्तेमाल।
- जन सुराज: बदलाव का बिहार – नीतिगत वीडियो और जमीनी कहानियों के ज़रिए प्रभाव बना रहा है।
अब चुनाव केवल जनसभाओं का नहीं रहा, बल्कि मोबाइल स्क्रीन पर भी तय हो रहा है।
बिहार का 2025 चुनाव – बदलाव या भरोसा
बिहार का 2025 विधानसभा चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन की कहानी नहीं है, बल्कि यह जनता के धैर्य और विश्वास की परीक्षा भी है।
नीतीश कुमार स्थिरता और अनुभव का प्रतीक हैं, तेजस्वी यादव युवा ऊर्जा का चेहरा हैं, और प्रशांत किशोर नीतिगत राजनीति के नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं। चुनाव का परिणाम यह तय करेगा कि बिहार पुराने भरोसे पर कायम रहता है या नए विकल्पों की ओर बढ़ता है।
एक बात तो तय है – इस बार हर वोट की अहमियत पहले से ज़्यादा है, और बिहार फिर साबित करेगा कि लोकतंत्र की असली ताकत जनता के पास है।